बाल साहित्य की तरह किशोर साहित्य की भी अपनी जमीन और जरूरत है। एक मजबूत और शक्तिशाली देश के निर्माण में एक बड़ी और शानदार भूमिका भी। यही कारण है कि संसार के सभी बड़े देशों और समृद्ध भाषाओं ने किशोर साहित्य को महत्व दिया है। किशोरों के भीतर कुछ नया कर गुजरने या रचने का जो जज़्बा, भावनात्मक उथल-पुथल और अथाह ऊर्जा है, उसे अगर दिशा दी जाए, तो हमारे समाज में एक से एक बेहतरीन वैज्ञानिक, साहित्यकार, कलाकार, चिंतक, उद्यमी और यहाँ तक कि अच्छे राजनेता भी तैयार हो सकते हैं। पर दुर्भाग्य से हिंदी में किशोर साहित्य के नाम पर अभी एक बड़ा शून्य ही नजर आता है।सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार प्रकाश मनु की अजब-अनोखी किशोर कहानियों की यह पुस्तक इस लिहाज से एक बड़ी और सार्थक पहल है। उम्मीद है, किशोर अपनी ही गहरी भावनात्मक उथल-पुथल और झंझावातोंभरी दुनिया के बारे में लिखी गई ये कहानियाँ चाव से पढ़ेंगे और इनसे खेल-खेल में बहुत कुछ नया सीखेंगे भी।