Ramayan ke Amar Patra - Mahabali Ravan (en Hindi)

Dr. Vinay · Diamond Pocket Books Pvt Ltd

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Reseña del libro

रावण रामायण का एक प्रमुख चरित्र है। रावण लंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = दस मुख वाला) भी था। किसी भी कृति के लिए नायक के साथ ही सशक्त खलनायक का होना अति आवश्यक है। रामकथा में रावण ऐसा पात्र है, जो राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने का काम करता है। किंचित मान्यतानुसार रावण में अनेक गुण भी थे। सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र। रावण एक परम शिव भक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ, महापराक्रमी योद्धा, अत्यन्त बलशाली, शास्त्रें का प्रखर ज्ञाता, प्रकान्ड विद्वान पंडित एवं महाज्ञानी था। रावण के शासन काल में लंका का वैभव अपने चरम पर था और उसने अपना महल पूरी तरह स्वर्ण रजित बनाया था, इसलिए उसकी लंकानगरी को सोने की लंका अथवा सोने की नगरी भी कहा जाता है। महाबली रावण के चरित्र का उपन्यासिक शैली में प्रस्तुतीकरण है।

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