Compartir
51 Vyangya Rachnayen (51 व्यंग्य रचनाएँ) (en Hindi)
Harish Naval
(Autor)
·
Diamond Books
· Tapa Blanda
51 Vyangya Rachnayen (51 व्यंग्य रचनाएँ) (en Hindi) - Naval, Harish
$ 81.191
$ 162.383
Ahorras: $ 81.191
Elige la lista en la que quieres agregar tu producto o crea una nueva lista
✓ Producto agregado correctamente a la lista de deseos.
Ir a Mis Listas
Origen: Estados Unidos
(Costos de importación incluídos en el precio)
Se enviará desde nuestra bodega entre el
Jueves 01 de Agosto y el
Jueves 15 de Agosto.
Lo recibirás en cualquier lugar de Colombia entre 1 y 5 días hábiles luego del envío.
Reseña del libro "51 Vyangya Rachnayen (51 व्यंग्य रचनाएँ) (en Hindi)"
हरीश नवल बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी साहित्यकार हैं। उनकी सूक्ष्म पर्यवेक्षण दृष्टि उन्हें समकालीन अति महत्वपूर्ण व्यंग्यकारों की प्रथम पंक्ति में ला खड़ा करती है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत संकलन है। सन् 1987 में युवा ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने के बाद सुधि पाठकों और आलोचकों का ध्यानाकर्षण उनकी व्यंग्य-पुस्तक 'बागपत के खरबूजे' ने किया। यह कृति नव व्यंग्य लेखन का पर्याय बनी और बीसवीं शताब्दी की उल्लेखनीय कृतियों में स्थान बना सकी। बाद के पांच व्यंग्य संकलनों ने उनके कद को और बढ़ाया।शैली की दृष्टि से जितनी विविधता उनकी व्यंग्य रचनाओं में है उतनी समकालीन व्यंग्य जगत में अन्यत्र दुर्लभ है। मुहावरे और लोकोक्तियों का विशिष्ट प्रयोग उनकी व्यंग्य-भाषा को एक मौलिक भंगिमा प्रदान करता है। उनकी शब्द क्रीड़ा उनकी व्यंग्यात्मक धार को निरंतर तेज करती है। उनके व्यक्तित्व की शालीनता, शिष्टता और सहजता उनके साहित्य का वैशिष्टय बनकर प्रस्तुत संकलन में उभरे हैं।हरीश नवल के व्यंग्य साहित्य पर चेन्नै, श्रीनगर, हिमाचल, ग्वालियर और रूहेलखंड विश्वविद्यालयों में शोधकार्य हो चुके हैं। शोधार्थियों को जिन रचनाओं ने विशेषर&
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
- 0% (0)
Todos los libros de nuestro catálogo son Originales.
El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
✓ Producto agregado correctamente al carro, Ir a Pagar.